तारे अपनी ऊर्जा कहां से प्राप्त करते हैं?

(A) नाभिकीय संलयन से
(B) नाभ्किीय संलयन और गुरुत्वीय संकुचन से
(C) रासायनिक अभिक्रिया से
(D) नाभिकीय विखंडन से

Question Asked : [UPPSC 2000]

Answer : नाभिकीय संलयन से

तारे अपनी ऊर्जा नाभिकीय संलयन से प्राप्त करते हैं। किसी तारे का जीवन चक्र आकाश गंगा में हाइड्रोजन तथा हीलियम गैसों के संघनन से प्रारंभ होता है, जो अंतत: छोट—छोटे घने बादलों के रूप धारण कर लेते हैं। ये बादल स्वयं के गुरुत्वाकर्षण के कारण सिकुड़ता चला जाता है और एक प्रक्रिया शुरु हो जाती है जो गैसों के इस विशाल बादल को तारों में परिवर्तित कर देती है। यह सिकुड़ता हुआ घना गैस पिंड आदि तारा या आद्य तारा (Proto star) कहलाता है आदि तारे के सिकुड़ने पर गैसों के बादल में परमाणुओं की परस्पर टक्करों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे उसका ताप बढ़ जाता है। सिकुड़ने की प्रक्रिया लगभग एक अरब वर्ष तक चलती रहती है। इस दौरान आंतरिक ताप अत्यधिक बढ़ जाता है इस अत्यधिक उच्च ताप पर हाइड्रोजन के नाभिक नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) अभिक्रिया द्वारा संलयित होकर हीलियम के नाभिक बनाने लगते हैं। इससे अंदर का ताप तथा दाब और अधिक बढ़ जाता है।
Tags : आधुनिक भौतिकी भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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