वाग्भूषणं भूषणम् का अर्थ

(A) नियति अतिक्रमणीय होती है अर्थात् होनी नहीं टाला जा सकता।
(B) मनुष्य उत्सव प्रिय होते हैं।
(C) वाणी रूपी भूषण (अलड़्कार) ही सदा बना रहता है, कभी नष्ट नहीं होता।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : वाणी रूपी भूषण (अलड़्कार) ही सदा बना रहता है, कभी नष्ट नहीं होता।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'वाग्भूषणं भूषणम्' का हिंदी में अर्थ– वाणी रूपी भूषण (अलड़्कार) ही सदा बना रहता है, कभी नष्ट नहीं होता। संस्कृत की यह सूक्ति नीतिशतकम् से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
धैर्यधना हि साधव:। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– सज्जन लोगों का धैर्य ही धन होता है।

धूमाकुलितदृष्टेरपि यजमानस्य पावके एवाहुति: पपिता। (अभिज्ञान शाकुन्तलम् अड़्क-4)
हिंदी में अर्थ– सौभाग्य से धुएं से व्याकुल दृष्टि वाले यजमान की भी आहुति ठीक अग्नि में ही पड़ी।

श्रुतेरिवार्थं स्मृतिरन्वगच्छत् (रघुवंशम् 2/2)
हिंदी में अर्थ– नन्दिनी के पीछे-पीछे मार्ग में राजा की धर्मपत्नी सुदक्षिणा इस प्रकार चल रही थी जिस प्रकार वेदों के अर्थ के पीछे स्मृतियां चलती हैं।
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Vak Bhushanam Bhushanam