आईपीसी की धारा 419 क्या है- IPC Section 419 in Hindi
What is Section 419 of Indian Penal Code, 1860
February 22, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 419 के अनुसार, प्रतिरूपण द्वारा छल के लिये दंड – जो कोई प्रतिरूपण द्वारा छल करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जायेगा।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 64 के अनुसार,
जुर्माना न देने पर कारावास का दंडादेश — कारावास और जुर्माना दोनों से दंडनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी कारावास सहित या रहित, जुर्माने से दंडादिष्ट हुआ है;
तथा कारावास या जुर्माने अथवा केवल जुर्माने से दंडनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी जुर्माने से दंडादिष्ट हुआ है, वह न्यायालय, जो ऐसे अपराधी को दंडादिष्ट करेगा, सक्षम होगा कि दंडादेश द्वारा निर्देश दे कि जुर्माना देने में व्यक्तिक्रम होने की दशा में, अपराधी अमुक अवधि के लिए कारावास ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 142 के अनुसार,
विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य होना – जो कोई उन तथयों से परिचित होते हुए, जो किसी जमाव को विधिविरुद्ध जमाव बनाते हैं, उस जमाव में साशय सम्मिलित होता है, या उसमें बना रहता है, वह विधिविरुद्ध जमाव का सदस्य है, यह कहा जाता है। ...read more
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का गठन आर्थिक अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच के लिए किया गया है। यह भारत सरकार की आर्थिक खुफिया एजेंसी की तरह काम करता है। प्रवर्तन निदेशालय (Directorate General of Economic Enforcement) का गठन 1 मई 1956 को हुआ था और वर्ष 1957 में इसका नाम ईडी पड़ा। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत काम करता है। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है। इसके अलावा ईडी के जोनल कार्यालय मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, चंडीगढ़, लखनऊ, कोचीन, अहमदाबाद, बैंगलोर और ह ...read more
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अनुसार,
न्यूसेंस या आशंकित खतरे के अर्जेंट मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति : (1) उन मामलों में, जिनमें जिला मजिस्ट्रेट या उपखंड मजिस्ट्रेट अथवा राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किए गए किसी अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट की राय में इस धारा के अधीन कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त आधार है और तुंरत निवारण या शीघ्र उपचार करना वांछनीय है, वह मजिस्ट्रेट ऐसे लिखित आदेश द्वारा जिसमें मामले के तात्विक तथ्यों का कथन होगा और जिसकी तामील धारा 134 द्वारा उपब ...read more