आईपीसी की धारा 44 क्या है- IPC Section 44 in Hindi
What is Section 44 of Indian Penal Code, 1860
January 17, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 44 के अनुसार, ‘क्षति’ — ‘क्षति’ शब्द किसी प्रकार की अपहानि का द्योतक है, जो किसी व्यक्ति के शरीर, मन, ख्याति या सम्पत्ति को अवैध रूप से कारित हुई हो।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 201 के अनुसार,
अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए मिथ्या इत्तिला देना – जो कोई यह जानते हुये, या इस विश्वास करने का कारण रखते हुये कि कोई अपराध किया गया है, उस अपराध के किये जाने के किसी साक्ष्य का विलोप, इस आशय से कारित करेगा कि अपराधी को वैध दंड से प्रतिच्छादित करे या उस आशय से उस अपराध से संबंधित कोई ऐसी इत्तिला देगा, जिसके मिथ्या होने का उसे ज्ञान या विश्वास है;
यदि अपराध मृत्यु से दंडनीय हो – यदि वह अपराध जिसके किये जाने का उ ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 67 के अनुसार,
जुर्माना न देने पर कारावास, जबकि अपराध केवल जुर्माने से दंडनीय हो — यदि अपराध केवल जुर्माने से दंडनीय हो तो वह कारावास, जिसे न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए अधिरोपित करे, सादा होगा और वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए न्यायालय अपराधी को कारावासित करने का निदेश दे, निम्न मापमान से अधिक नहीं होगी, अर्थात्—
जबकि जुर्माने का परिमाण पचास रुपए से अधिक न हो तब दो मास से अनधिक कोई अवधि,
तथा जबकि जुर्म ...read more
शत्रु संपत्ति का अर्थ उन अचल संपत्तियों से है, जो भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन की नागरिकता लेने वाले लोग अपने पीछे यहां छोड़कर एक हैं। भारतीय संसद ने 1968 में शत्रु संपत्ति (संरक्षण या पंजीकरण) अधिनियम को पारित करते हुए ऐसी सभी संपत्तियों पर भारत सरकार का मालिकाना हक तय कर दिया था। इसके चलते 1947 के बंटवारे, 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1962 के भारत-चीन युद्ध और उसके बाद 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद जाने वालों की अचल संपत्तियों पर भारत सरकार का अधिकार हो गया था।
अब मोदी सरकार के द्वारा शत्रु संपत ...read more