कलेक्टर बनने के लिए क्या क्या जरूरी है?

डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको अपना ग्रेजुएशन पूरा करना होगा। उसके बाद आपको संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सिविल सेवा परीक्षा देनी होगी। ध्यान रहे कि यह परीक्षा वर्ष में केवल
एक बार ही होती है। संघ लोक सेवा आयोग सामान्यत: इस परीक्षा का नोटीफिकेशन हर वर्ष दिसंबर-जनवरी महीने में निकालता है। इस परीक्षा में बैठने के लिए वर्गानुसार आयुसीमा तय की गई है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी के लिए
न्यूनतम 21 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष आयु निर्धारित है। अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम व अधिकतम आयुसीमा क्रमश: 21 और 35 वर्ष है। एससी व एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए यह सीमा 21 से 37 वर्ष
है। संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं। पहले प्रारंभिक परीक्षा होती है, फिर मुख्य परीक्ष और अंत में इंटरव्यू आयोजित किया जाता है। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में और
मुख्य परीक्षा क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। मुख्य परीक्षा के प्राप्तांकों और इंटरव्यू में प्राप्त अंकों को जोड़कर मेरिट लिस्ट बनती है। सिविल सेवा परीक्षा को विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं
में से एक माना जाता है। इसलिए इसकी तैयारी भी आसान नहीं होती।

कलेक्टर बनने के लिए कौनसी परीक्षा देनी होगी?
कलेक्टर बनने के लिए आपको यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) देना होती हैं जिसे आप स्नातक के बाद कर सकते हैं। स्नातक यानि ग्रेजुएशन पूरा होने का इंतजार ना करते हुए आप ग्रेजुएशन के साथ ही यूपीएसई की तैयारी करना प्रारंभ कर दें। यह परीक्षा ग्रैड 1 के अधिकारियों की भर्ती के लिए होती है।

सिविल सर्विस एग्जाम तीन चरणों में आयोजित होती हैं–
प्रारंभिक परीक्षा/Preliminary Exam : सामान्यत: यह परीक्षा जून–जुलाई से अगस्त के बीच होती हैं। इस परीक्षा में 2 पेपर होते हैं पहला सामान्य अध्ययन तथा दूसरा सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट का। दोनों पेपर 250-250 अंकों के होते हैं। इन्हें पास करने के बाद ही आप मुख्य परीक्षा दे सकते है।बता दे कि प्रारंभिक परीक्षा के अंको को मुख्य परीक्षा परिणाम में नहीं जोड़ा जाता है।

मुख्य परीक्षा/Main exam : इस परीक्षा में मुख्यतः 9 पेपर होते हैं जो इस प्रकार हैं–
भारतीय भाषा : इसमें कुल 18 भाषाओँ में से आप एक भाषा चुन सकते हैं। यह पेपर 200 अंको का होता हैं और इसके अंक भी मुख्य परीक्षा परिणाम में नहीं जोड़े जाते हैं।
अंग्रेजी : यह पेपर भी 200 अंको का होता है एवं इसके अंक भी मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते।
निबंध : इस पेपर में आपको दिए गए 2 विषयों पर निबंध लिखना होता हैं। यह पेपर कुल 250 अंकों का होता हैं।
सामान्य अध्यन कुल अंक 250
सामान्य अध्यन कुल अंक 250
सामान्य अध्यन कुल अंक 250
सामान्य अध्यन कुल अंक 250
यह पेपर का विषय विकल्पिक होता है जो आप चुन सकते हैं। यह 250 अंको का होता हैं।
यह पेपर भी वैकल्पिक होता है एवं 250 अंको का होता हैं।

साक्षात्कार : इसके बाद तीसरे चरण में साक्षात्कार होता हैं जिसमें मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के मेरिट के आधार पर बुलाया जाता हैं। साक्षात्कार कुल 750 अंकों का होता हैं।

 

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Web Title : collector banne ke liye kya kya jaruri hai