आईपीसी की धारा 52 क्या है- IPC Section 52 in Hindi
What is Section 52 of Indian Penal Code, 1860
January 17, 2019
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 52 के अनुसार, ‘सद्भावपूर्वक’ – कोई बात ‘सद्भावपूर्वक’ की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई हो।
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भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अनुसार,
लोक सेवक द्वारा सम्यक् रूप से प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा – जो कोई यह जानते हुए कि वह ऐसे लोक सेवक द्वारा प्रख्यापित किसी आदेश से, जो ऐसे आदेश को प्रख्यापित करने के लिये विधिपूर्वक सशक्त है, कोई कार्य करने से विरत रहने के लिये या अपने कब्जे में की, या अपने प्रबन्धाधीन, किसी सम्पत्ति के बारे में कोई विशेष व्यवस्था करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है, ऐसे निदेश की अवज्ञा करेगा;
यदि ऐसी अवज्ञा विधिपूर्वक नियोजित किन्हीं व्यक्तियों को बाधा, क्षोभ या क्षति, ...read more
1. रात में पेड़ के नीचे सोना क्यों हानिकारक है?
श्वसन के दौरान पौधे रात्रि में ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बनडाईऑक्साइड बाहर निकालते हैं। इस प्रकार पेड़ के नीचे ऑक्सीज की कमी हो जाती है, जिससे श्वसन के लिए उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसलिए रात में पेड़ के नीचे नहीं सोना चाहिए।
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2. एक शीशे के गिलास में ठंडा पानी डालने से उसके बाहर पानी की बूंदे क्यों इकट्टी हो जाती है?
गिलास में ठंडा पानी डालने से गिलास की बाहरी सतह भी ठंडी हो जाती है। इस ठंडी सतह से बाहरी वाता ...read more
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 376 घ के अनुसार,
सामूहिक बलात्संग — जहां किसी स्त्री से, एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा, एक समूह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए बलात्संग किया जाता है, वहाँ उन व्यक्तियों में से प्रत्येक के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह ऐसी अवधि के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, दंडित किया जा ...read more
जप करना भारतीय उपासना पद्धति का एक अंग है जिसके लिए एक माला की आवश्यकता होती है। जो सामान्यत: तुलसी, रुद्राक्ष, स्फटिक, मोती आदि से बनी होती है। जिसमें रुद्राक्ष की माल को जप के लिए सबसे अच्छा माना गया है। लेकिन सवाल यह है कि माला के दाने 108 ही क्यों होते हैं, इससे कम या ज्यादा क्यों नहीं होते? माला में 108 मनके यानि दाने के पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही कारण विद्यमान हैं। मान्यता है कि निर्दिष्ट संख्या से कम या ज्यादा होने पर जप निष्फल जाता है।
माला में 108 मनके के बारे में चूड़ामणि उपन ...read more