वर्तमान में कौन-क्या है करंट अफेयर्स 2022
December 17, 2021
, updated on July 7, 2022
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आईपीसी की धारा 23 क्या है- IPC Section 23 in Hindi
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 23 के अनुसार,
'सदोष अभिलाभ' – 'सदोष अभिलाभ' विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है, जिसका वैध रूप से हकदार अभिलाभ प्रापत करने वाला व्यक्ति न हो।
'सदोष हानि' – 'सदोष हानि' विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति की हानि है, जिसका वैध रूप से हकदार हानि उठाने वाला व्यक्ति हो।
'सदोष अभिलाभ प्राप्त करना'/सदोष हानि उठाना – कोई व्यक्ति सदोष अभिलाभ प्राप्त करता है, यह तब कहा जाता है जबकि वह व्यक्ति सदोष रखे रखता है और तब भी जबकि वह सदोष अर्जन करता है। कोई व्
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100वां संविधान संशोधन क्या है?
100वां संविधान संशोधन अधिनियम (2015) – इस संशोधन अधिनियम द्वारा भारत और बांग्लादेश के मध्य 1974 में हस्ताक्षरित 'भू-सीमा समझौता (Land Boundary Agreement) और तत्ससंबंधी प्रोटोकॉल का अनुमोदन किया गया है। इस संशोधन के अनुसार भारत के बांग्लादेश में स्थिति 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को प्राप्त हुए हैं तथा बांग्लादेश के भारत में स्थित 51 एनक्लेव भारत में शामिल किए गए हैं। इन एनक्लेवों को 31 जुलाई, 2015 की मध्य रात्रि से हस्तांतरित मान लिया गया है तथा सीमांकन का कार्य दोनों देशों के सर्वेक्षण विभागों द्
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भंवरे गुनगुनाते हैं, क्यों?
1. भंवरे गुनगुनाते हैं, क्यों?
जब भौरें उड़ते हैं तो इनके पंखों में बहुत तेज कम्पन होता है। यह लगभग 400 Hz होता है। इसी कंपन के कारण गुनगुनाहट होती है।
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2. स्तनधारी मादा के शरीर में दूध कैसे बनता है?
दूध शरीर में पैदा होने वाला बहुत ही महत्वपूर्ण पदार्थ है। इसका निर्माण स्तनधारी प्राणियों के स्तनों में उपस्थित कुछ विशेष ग्रंथियों द्वारा होता है। ये ग्रंथियों में वसा की बड़ी-बड़ी बूदें निकलती है जो स्तनों में उपस्थित तरल पदार्थों से मिलकर दूध बना देती है। अधिकतर स्तनधारी
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आईपीसी की धारा 67 क्या है- IPC Section 67 in Hindi
भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 67 के अनुसार,
जुर्माना न देने पर कारावास, जबकि अपराध केवल जुर्माने से दंडनीय हो — यदि अपराध केवल जुर्माने से दंडनीय हो तो वह कारावास, जिसे न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए अधिरोपित करे, सादा होगा और वह अवधि, जिसके लिए जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए न्यायालय अपराधी को कारावासित करने का निदेश दे, निम्न मापमान से अधिक नहीं होगी, अर्थात्—
जबकि जुर्माने का परिमाण पचास रुपए से अधिक न हो तब दो मास से अनधिक कोई अवधि,
तथा जबकि जुर्म
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