Explanation : अति मलीन वृषभानु कुमारी। अधोमुख रहति, उरध नहिं चितवत, ज्यों गथ हारे थकित जुआरी। छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नलिनी हिमकर की मारी। पंक्ति में उपमा अलंकार है। यहां वृषभानुकुमारी अर्थात राधा की तुलना अप्रस्तुत के गुणों से की गई
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