मध्यकालीन भारत

  • बौद्ध धर्म का तिब्बत में प्रचलन कहां से किया गया?
    तिब्बत में सातवी शताब्दी में स्त्रांग सनगम्पो नामक एक अत्यंत शक्तिशाली राजा हुआ जिसने मध्य एशिया पर आक्रमण कर वहां अपना अधिकार स्थापित कर लिया। उसी के समय में तिब्बत में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ। भारत में पाल शासकों के शासन काल में विक्रमशिला ...Read More
  • दिलवाड़ा का मंदिर उदाहरण है?
    राजस्थान के आबू पर्वत पर स्थित दिलवाड़ा मंदिर जैन धर्म से संबंधित है। आबू पर्वत पर दो प्रसिद्ध संगमरमर के मंदिर हें, जिन्हें दिलवाड़ा कहा जाता है, पहले में आदिनाथ की मूर्ति है, जिसकी आंखे हीरें की हैं तथा दूसरा मंदिर जो तेजपाल कहा जाता है, इसी के पास ...Read More
  • पृथ्वीराज रासो की रचना किसने की?
    पृथ्वीराज रासो की रचना चंदबरदाई ने की थी, इन्हें पृथ्वीराज चौहान 'राय पिथौरा' का संरक्षण प्राप्त था। इस ग्रंथ में इन्होंने पृथ्वीराज चौहान की विजय गाथा तथा उसके द्वारा लड़े गये युद्धों का वर्णन किया है। बतादें कि इस प्रकार के प्राचीन एवं मध्यकालीन भा ...Read More
  • परमार (Parmar) निवासी थे?
    परमारों ने मालवा में शासन किया था। इस वंश के अभिलेख में सर्वप्रथम सीयक द्वितीय का हार्सोल अभिलेख (948 ई.) है, जिससे परमार वंश का प्रारंभिक इतिहास ज्ञात होता है। परमार वंश की स्थापना दूसरी शताब्दी ई. के प्रथम चरण में उपेद्र अथवा कृष्णराज नामक व्यक्ति ...Read More
  • चोल शासक किस धर्म के अनुयायी थे?
    चोल राजाओं के समय में तमिल प्रदेश में शैव तथा वैष्णव धर्मों का बोलबाला था। शैव नायनारों तथा वैष्णव आचार्यों ने इन धर्मों के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक आंदोलन चलाया। इनमें भी शैव धर्म अधिक लोकप्रिय था। चोल वंश के अधिकांश शासक उत्साही शैव थे, जिन्होंन ...Read More
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