प्राचीन काल भारत

  • विक्रम संवत का प्रारंभ होता है?
    संवत् हिंदू पंचांग में सम्मद गणना की प्रणली का नाम है। यह संवत् 57 ई. पू. आरंभ होती है। इसके प्रणेता सम्राट विक्रमादित्य को माना जाता है। कालिदास इस महाराज के रत्न माने जाते है। बारह महीने का का एक साल और सात दिन का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम सं ...Read More
  • मत्तमयूर (Mattamayura) कौन थे?
    मत्तमयूर शैव अनुयायी था। शैव धर्म के प्रचारकों को नायनार कहा गया है। नायनार संतों की संख्या 63 बताई गयी हैं, जिनमें अप्पार, तिरुज्ञान, संबंदर, सुंदर मूर्ति, मणिक्कवाचगर आदि के नाम लिए जा सकते हैं। इसमें सुदंर मूर्ति को ईश्वर मिश्र की उपाधि दी गयी थी। ...Read More
  • अद्वैत दर्शन के संस्थापक है?
    अद्वैत दर्शन के संस्थापक शंकराचार्य हैं जबकि रामानुज विशिष्टाद्वैत, मध्वाचार्य द्वैताद्वैत के संस्थापक तथा गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं। आठवीं सदी में केरल में जन्में शंकराचार्य के विचारोपदेश आत्मा और परमात्मा की एकरूपता पर आधारित है जिसके अ ...Read More
  • चोलों की राजधानी कहां थी?
    नौंवी शताब्दी में चोल वंश पल्लवों के ध्वंसावदेशों पर स्थापित हुआ था चोल वंश का संस्थापक विजयालय (850-87) था इसकी राजधानी तांजाय (तंजौर या तंझुवर) थी विजयालय ने नरकेशरी की उपाधि धारण की थी। चोल साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार राजेद्र प्रथम के शासन काल म ...Read More
  • बेसनगर अभिलेख का हेलियोडोरस कहां का निवासी था?
    'बेसनगर अभिलेख' का हेलियोडोरस तक्षशिला निवासी था। शुंग वंश के नवें शासक भागभद्र (भागवत) के शासन काल के 14वें वर्ष तक्षशिला के यवन शासक 'एण्टियाककीट्स' का राजदूत हेलियोडोरस विदिशा में वासुदेव के सम्मान में गरुण स्तंभ स्थपित किया। शुंग काल में संस्कृत ...Read More
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