मध्यकालीन भारत

  • कबीर के शिष्य कौन थे?
    मध्यकालीन संतों में कबीरदास का साहित्यिक एवं ऐतिहासिक योगदान अविस्मरणीय है। कबीर रामांनद के शिष्य थे। ये निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि थे। ये मूर्तिपूजा, बाह्रा आडंबर, अवतारवाद के विरोधी थे। इन्होंने निर्गुण ब्रह्रा की उपासना की। कबीर दास ने अपने ...Read More
  • मुरीद (Murid) कौन था?
    सूफी विचारधारा में गुरु को पीर और शिष्य को मुरीद कहा जाता था। प्रत्येक पीर का अपना उत्तराधिकारी होता था जिसे बली कहा जाता था। सूफी विचारधारा दो भागोंमें विभाजित थी – 1. बा शरा अर्थात् वे जो इस्लामी विधान शरा को मानते थे। 2. वे शरा अर्थात् वे जो इस्ला ...Read More
  • किस सूफी संप्रदाय ने योग क्रिया को अपनाया था?
    शत्तारिया शाखा की कुछ क्रियाएं मुख्यत: योगिक क्रियाओं से ली गई थी। जिससे हिंदू और मुसलमान दोनों प्रभावित हुए। इन्हीं योगिक क्रियाओं के कारण ग्वालियर के शाह मुहम्मद गौस अपने काल के 'कुत्व कहलाए। इन्होंने हिंदुओं की योग पुस्तक 'अमृतकुंड' जिसका 'वहरुल ह ...Read More
  • अति कट्टरपंथी सूफी संप्रदाय था?
    अति कट्टर पंथी सूफी संप्रदाय नक्शबंदी सिलसिला था जबकि आयोग ने सुहरावर्दी सिलसिला को माना है। सुहारावर्दी अति कट्टरपंथी सूफी संप्रदाय था। इस संघ की स्थापना शेख शिहाबुद्दीन उमर सुहरावर्दी ने की थी। इस संप्रदाय ने चिश्ती संप्रदाय के विपरीत राज्य संरक्षण ...Read More
  • शेख सलीम चिश्ती का मकबरा कहाँ स्थित है?
    चिश्तिया शाखा के प्रख्यात सूफी संतों में शेख सलीम चिश्ती का नाम विशेष उल्लेखनीय है। इनके पिता का नाम शेख वहाउद्दीन था। शेख सलीम चिश्ती बहुत समय तक अरब में रहे और वहां उनको 'शेख-उल-हिंद' की संज्ञा से विभूषित किया गया। तत्पश्चात् वह भारत लौट आये और आगर ...Read More
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