क्या आप जानते हैं

आईपीसी की धारा 90 क्या है- IPC Section 90 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 90 के अनुसार, सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गयी है – कोई सम्मति ऐसी सम्मति नहीं है जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है, यदि वह सम्मति किसी व्यक्ति ने क्षति, भय के अधीन, या तथ्य के […]

आईपीसी की धारा 89 क्या है- IPC Section 89 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 89 के अनुसार, संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से शिशु या उन्मत्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य – कोई बात, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकृतचित्त व्यक्ति के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक उसके संरक्षक के, या विधिपूर्ण भारसाधक किसी दूसरे व्यक्ति के […]

विश्व बैंक क्या है-What is World Bank in Hindi

अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) की स्थापना जुलाई 1944 के ब्रेटनवुड्स समझौते के तहत हुई और 27 दिसंबर, 1945 को इसका विधिवत् उद्घाटन हुआ। इसको विश्व बैंक (World Bank) भी कहा जाता है। इसकी स्थापना के लिए 27 दिसंबर 1945 को विश्व के 27 देशों के मध्य जेनेवा में एक समझौता हुआ, जिसके परिणाम […]

आईपीसी की धारा 88 क्या है- IPC Section 88 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 88 के अनुसार, किसी व्यक्ति के फायदे के लिए सम्पत्ति से सद्भभावर्पूक किया गया कार्य जिससे मृत्यु कारित करने का आशय नहीं है — कोई बात, जो मृत्यु कारित करने के आशय से न की गयी हो, किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नहीं है जो उस बात से […]

आईपीसी की धारा 86 क्या है- IPC Section 86 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 86 के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा, जो मत्तता में है, किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है — उन दशाओं में, जहाँ कि कोई किया गया कार्य अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी विशिष्ट ज्ञान या आशय से न किया गया हो, […]

आईपीसी की धारा 84 क्या है- IPC Section 84 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 84 के अनुसार, विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो ऐसे व्यक्ति द्वार की जाती है, जो उसे करते समय चित्तविकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण या विधि के प्रतिकूल है, जानने […]

आईपीसी की धारा 83 क्या है- IPC Section 83 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 83 के अनुसार, सात वर्ष से ऊपर किन्तु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती है जिसकी समझ इतनी परिपक्व नहीं […]

आईपीसी की धारा 82 क्या है- IPC Section 82 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 82 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य — कोई अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की जाती है।

आईपीसी की धारा 81 क्या है- IPC Section 81 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 81 के अनुसार, कार्य, जिससे अपहानि कारित होना सम्भाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय के बिना और अन्य अपहानि के निवारण के लिए किया गया है — कोई बात केवल इस कारण अपराध नहीं है कि वह यह जानते हुए की गई है कि उससे अपहानि कारित होना सम्भाव्य […]

आईपीसी की धारा 80 क्या है- IPC Section 80 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 80 के अनुसार, विधिपूर्ण कार्य करने में दुर्घटना — कोई बात अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से और किसी आपराधिक आशय या ज्ञान के बिना विधिपूर्ण प्रकार से विधिपूर्ण साधनों द्वारा और उचित सतर्कता और सावधानी के साथ विधिपूर्ण कार्य करने में ही हो जाती है। दृष्टान्त […]

आईपीसी की धारा 77 क्या है- IPC Section 77 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 77 के अनुसार, न्यायिकत: कार्य करने हेतु न्यायधीश का कार्य — कोई बात अपराध नहीं है, जो न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ति के प्रयोग में की जाती है, जो, या जिसके बारे में सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे विधि द्वारा की गई है।

आईपीसी की धारा 64 क्या है- IPC Section 64 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 64 के अनुसार, जुर्माना न देने पर कारावास का दंडादेश — कारावास और जुर्माना दोनों से दंडनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी कारावास सहित या रहित, जुर्माने से दंडादिष्ट हुआ है; तथा कारावास या जुर्माने अथवा केवल जुर्माने से दंडनीय अपराध के हर मामले में, जिसमें अपराधी […]

आईपीसी की धारा 63 क्या है- IPC Section 63 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 63 के अनुसार, जुर्माने की रकम — जहाँ कि वह राशि अभिव्यक्ति नहीं की गई है जितनी तक जुर्माना हो सकता है वहाँ अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी है, वह अमर्यादित है, किन्तु अत्यधिक नहीं होगी।

आईपीसी की धारा 60 क्या है- IPC Section 60 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 60 के अनुसार, दंडादिष्ट कारावास के कतिपय मामलों में सम्पूर्ण कारावास या उसका कोई भाग कठिन या सादा हो सकेगा — हर मामले में, जिसमें अपराधी दोनों में से किसी भाँति के कारावास से दंडनीय है, वह न्यायालय, जो ऐसे अपराधी को दंडादेश देगा, सक्षम होगा कि दंडादेश में […]

आईपीसी की धारा 52 क्या है- IPC Section 52 in Hindi

भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 52 के अनुसार, ‘सद्भावपूर्वक’ – कोई बात ‘सद्भावपूर्वक’ की गई या विश्वास की गई नहीं कही जाती जो सम्यक् सतर्कता और ध्यान के बिना की गई या विश्वास की गई हो।