धर्मनिरपेक्षवाद का अर्थ क्या है?

(A) किसी धर्म का पालन नहीं करना
(B) विविध धर्मों का पालन करना
(C) किसी सत्संग में शामिल होने की स्वतंत्रता
(D) धर्म और उपासना की स्वतंत्रता

Question Asked : RRB NTPC CBT Stage-I Exam

Answer : धर्म और उपासना की स्वतंत्रता

Explanation : धर्मनिरपेक्षवाद का अर्थ धर्म और उपासना की स्वतंत्रता है। धर्मनिरपेक्षवाद एक सिद्धांत है जिसमें दो मूल प्रस्तावों को शामिल किया जाता है। पहले प्रस्ताव के अंतर्गत राज्य को धार्मिक संस्थाओं से पृथक किया गया है। दूसरा प्रस्ताव यह है कि लोगों के विभिन्न धर्म और मान्यताएं कानून के समक्ष समान हैं और सभी लोगों को धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। धर्मनिरपेक्षवाद सभी नागरिकों की धार्मिक मान्यता और रिवाज की स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

बता दे​ कि इस प्रश्न से जुड़े सामान्य ज्ञान के प्रश्न रेलवे की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे है। जो छात्र भारतीय रेलवे की वि​भिन्न जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों में गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों जैसे कनिष्ठ सह टंकक, लेखा लिपिक सह टंकक, ट्रेन लिपिक, वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, यातायात सहायक, गुड्स गार्ड, वरिष्ठ वाणिज्यिक सह टिकट लिपिक, वरिष्ठ लिपिक सह टंकक, कनिष्ठ लेखा सहायक सह टंकक, वरिष्ठ समयपाल कमर्शियल अपरेंटिस और स्टेशन मास्टर के पदों के लिए तैयारी कर रहे है। उन्हें इन प्रश्नों को विशेषतौर पर याद कर लेना चाहिए।
Tags : सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Dharmnirpekshta Ka Arth Kya Hai