भारत के पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कौन थे?

(A) एस. रंगनाथन
(B) वी. नरहरि राव
(C) ए. के. रॉय
(D) ए. के. चन्दा

comptroller and auditor general of india

Answer : वी. नरहरि राव (V. Narahari Rao)

Explanation : भारत के पहले नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक CAG वी. नरहरि राव थे। आजादी के बाद 1948 में सर मोनरोस्टेग ने कैग की जिम्मेदारी वी नरहरि राव को सौंपी थी। उस समय तक सभी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ब्रिटिश ही थे। 1948 में CAG का पदभार संभालने के बाद उनका कार्यकाल 1954 तक रहा। उन्हें 1954 में प्रशासकीय सेवा क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। भारतीय लेखा परीक्षण और लेखा विभाग (सीएजी) की स्‍थापना 1753 में हुई थी। हालांकि, स्‍वतंत्र लेखा परीक्षण की शुरुआत मॉन्‍टफोर्ड सुधारों के बाद 1919 में हुई। 1919 के बाद महालेखा परीक्षक भारत सरकार के नियंत्रण से मुक्‍त था। उसकी नियुक्‍त राज्‍य सचिव द्वारा की जाती थी। उसका कार्यकाल सम्राट की इच्‍छापर्यंत होता था। 1950 में भारत का संविधान लागू होने के बाद भारत के महालेखा निरीक्षक के पद का नाम बदलकर भारत का लेखा नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक कर दिया गया। भारत के संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के लिए स्वतंत्र पद की व्यवस्था की गई है। यह भारतीय लेखा परीक्षण और लेखा विभाग का प्रधान होता है। वह लोक वित्त का संरक्षक होता है। वर्तमान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू है, जिन्हें 6 अगस्त 2020 को नियुक्त किया गया।
Tags : कैग (CAG) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक भारतीय राजव्यवस्था राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Bharat Ke Pahle Niyantrak Evam Mahalekha Parikshak Kaun The