फसल चक्रण किसान द्वारा किसकी बढ़ोत्तरी हेतु अपनाना चाहिए?

(A) भूमि उर्वरता हेतु
(B) सामुदायिक क्षेत्र हेतु
(C) भूमि का कार्बनिक संघटक हेतु
(D) भूमि में नाइट्रोजन संघटक के लिए

Question Asked : UPSSSC Exam 2016

Answer : भूमि उर्वरता हेतु

फसल चक्रण एक खेत में फसलों की एक के बाद एक (एकान्तरण क्रम) खेती का क्रम है। जैसे अनाज के बाद दलहन तिलहन तथा उसके बाद चारा फसल या परती भूमि रखना। इस विधि में मृदा का संगठन संरक्षित रहता है तथा मृदा की उर्वरता बनी रहती है। क्योंकि विभिन्न फसलों की मृदा खनिज आवश्यकताएँ भिन्न—भिन्न होती है तथा दलहन की फसलें भूमि वायुमण्डलीय नाइट्रोज का स्थिरीकरण करने के लिए उत्तरदायी भी होती है।
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Fasal Chakran Kisan Dwara Kiske Badhotari Hetu Apnana Chahiye