मेंढक के वृक्क किस प्रकार के होते हैं?

(A) मध्यवृक्क
(B) पश्चवृक्क
(C) आदिवृक्क
(D) प्राकक्वृक्क

Question Asked : SSC CGL Tier-I परीक्षा 26-10-2014

Answer : मध्यवृक्क

मेंढक में मीजोनेफ्रॉन्स एक कार्यात्मक या मध्यवृक्क है जो भ्रूणीय अवस्था से एडल्ट अवस्था तक रहता है। मीजोनेफ्रिक डक्ट यूरिनरी और जेनाइटल डक्ट दोनों में मीजोनेफ्रिक डक्ट कार्य करता है। किडनी के अग्रवर्ती क्षेत्र के ट्यूबल्स स्पेर्मेटोजोआ को इकट्टा करने के लिए ​टेस्टिस से संबंध रहते हैं, जबकि पश्चवर्ती क्षेत्र कार्यात्मक वृक्क के रूप में बना रहता है और यूरिनरी वेस्टेज को बाहर निकालने का कार्य करता है। मेंढक उभयचर वर्ग का जंतु है जो पानी तथा जमीन पर दोनों जगह रह सकता है। यह एक शीतरक्ती प्राणी है अर्थात् इसके शरीर का तापमान वातावरण के ताप के अनुसार घटता या बढ़ता रहता है। शीतकाल में यह ठंडक से बचने के लिए पोखर आदि की निचली सतह की मिट्टी लगभग दो फुट की गहराई तक खोदकर उसी में पड़ा रहता है। यहाँ तक कि कुछ खाता भी नहीं है। इस क्रिया को शीतनिद्रा या शीतसुषुप्तावस्था कहते हैं। इसी तरह की क्रिया गर्मी के दिनों में होती है। ग्रीष्मकाल की इस निष्क्रिय अवस्था को ग्रीष्मसुषुप्तावस्था कहते हैं।
Tags : जीव विज्ञान जीव विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Mendak Ke Vrkk Kis Prakar Ke Hote Hain