किस आश्रम को धर्म, अर्थ और काम का संगम कहा गया है?

(A) बह्राचर्य
(B) गृहस्थ
(C) वानप्रस्थ
(D) संन्यास

Question Asked : उत्तर प्रदेश प्रवक्ता भर्ती परीक्षा, 2016

Answer : गृहस्थ

Explanation : गृहस्थ आश्रम को धर्म, अर्थ और काम का संगम कहा गया है। प्राचीन काल में सामाजिक व्यवस्था के दो स्तंभ थे – वण और आश्रम, व्यक्तिगत संस्कार के लिए उसके जीवन का विभाजन चार आश्रमों में किया गया था, ये चार आश्रम थे – ब्रह्राचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और संन्यास। सभी आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे बड़ा और ज्येष्ठ आश्रम है। तीनों आश्रमवासी — ब्रह्मचारी , वानप्रस्थी और संन्यासी सभी गृहस्थों से उपकृत होते हैं। इन्हीं गृहस्थियों के द्वारा पूजा-दान आदि धार्मिक कृत्य संपन्न होते हैं। यथा—'गृहस्थेनैव धार्यन्ते तस्मात् ज्येष्ठाश्रमो गृही'। जैसे वायु का आश्रय पाकर सब प्राणी जीते हैं, वैसे ही सब आश्रम गृहस्थाश्रम का आश्रय लिए रहते हैं।
Tags : समाजशास्त्र प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Kis Ashram Ko Dharm Arth Aur Kaam Ka Sangam Kaha Gaya Hai