रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट कौन निर्धारित करता है?

(A) वित्त मंत्रालय
(B) भारतीय स्टेट बैंक
(C) भारतीय रिज़र्व बैंक
(D) भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक

Answer : भारतीय रिज़र्व बैंक

Explanation : भारत में रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट भारतीय रिज़र्व बैंक निर्धारित करता है। अल्पकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु जिस ब्याज दर पर कॉमर्शियल बैंक रिज़र्व बैंक से नकदी ऋण प्राप्त करते हैं। 'रेपो दर' कहलाती हैं, जबकि अल्पकालिक अवधि के लिए रिज़र्व बैंक द्वारा कॉमर्शियल बैंकों से जिस ब्याज दर पर नकदी प्राप्त की जाती हैं उसे 'रिवर्स रेपो दर' कहा जाता है।

सरल शब्दों में जब हमें पैसे की जरूरत हो और अपना बैंक अकाउंट खाली हो तो हम बैंक से कर्ज लेते हैं। इसके बदले हम बैंक को ब्याज चुकाते हैं। इसी तरह बैंक को भी अपनी जरूरत या रोजमर्रा के कामकाज के लिए काफी रकम की जरूरत पड़ती है। इसके लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। बैंक इस लोन पर रिजर्व बैंक को जिस दर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं। इसी तरह देश में कामकाज कर रहे बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को भारतीय रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। भारतीय रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।
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Web Title : Repo Rate And Reverse Repo Rate Kaun Nirdharit Karta Hai