‘अंग्रेज भारतीयों का रक्त चूस रहे हैं।’ यह विचार किससे संबंधित है?

(A) दादा भाई नौरोजी
(B) फिरोशाह मेहता
(C) रमेशचन्द्र दत्त
(D) एम जी रानाडे

Question Asked : UP Higher Education Assistant Professor Exam 2018

Answer : रमेशचन्द्र दत्त

Explanation : 'अंग्रेज भारतीयों का रक्त चूस रहे हैं।' यह विचार रमेशचन्द्र दत्त (Romesh Chunder Dutt) से संबंधित है। ब्रिटिश आर्थिक नीतियों के दुष्परिणामों और अर्थव्यवस्थाओं में बुरे रूप से सरकारी हस्तक्षेप पर प्रकाश डालते हुए रमेशचन्द्र दत्त ने अपना विचार व्यक्त किया कि 'अंग्रेज भारतीयों का रक्त चूस रहे हैं।' इनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'द इकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया' थी। इनका जन्म 13 अगस्त, 1848 को ब्रिटिश भारत के कलकत्ता में हुआ था। आर.सी. दत्त अंग्रेज़ी और बांग्ला भाषा के जाने-माने प्रशासक, आर्थिक इतिहासज्ञ और लेखक थे। इन्होंने रामायण व महाभारत का अनुवाद भी किया था। दादाभाई नौरोज़ी और मेजर बी.डी. बसु के साथ ये ब्रिटिश शासन के तीसरे आर्थिक चिंतक थे, जिन्होंने औपनिवेशिक शासन के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के प्रामाणिक विवरण पेश किये और विख्यात ‘ड्रेन थियरी’ का प्रतिपादन किया था।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Angrej Bhartiyo Ka Rakt Choos Rahe Hai Yah Vichar Kisse Sambandhit Hai