अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 विजेता कौन बनी है?

(A) प्रतिभा राय
(B) गीतांजलि श्री
(C) उषा प्रियंवदा
(D) नंदिनी साहू

Answer : गीतांजलि श्री

Explanation : अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार 2022 विजेता उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मी गीतांजलि श्री बनी है। 26 मई 2022 को उन्हें उनके हिंदी उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होने वाला किसी भारतीय भाषा का पहला उपन्यास है। लेखिका गीतांजलि श्री ने 50,000 ब्रिटिश पाउंड का पुरस्कार डेजी रॉकवेल के साथ साझा किया। रॉकवेल ने गीतांजलि श्री के उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद किया है, जिसका मूल शीर्षक ‘रेत समाधि’ है।

'टॉम्ब ऑफ सैंड' की लेखिका गीतांजलि श्री का असली नाम गीतांजलि पांडे है। पर उन्होंने अपने उपनाम के स्थान पर अपनी मां का नाम लगाया। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में हुआ। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक और जे.एन.यू. से इतिहास में स्नातकोत्तर किया है। उन्हें बचपन से ही पढ़ने की रूचि थी और इसी कारण उनकी लिखने की भावना उत्पन्न हुई जो आगे जाकर उनका प्रोफेशन बनी। उन्होंने कई सारी लघु कथाएं और पांच उपन्यास भी लिखे हैं। इसके साथ उन्होंने प्रेमचंद पर आलोचनात्मक लेखन भी किया है। उनका लेखन स्पष्टवादिता और अभिव्यक्ति का अद्भुत उदाहरण है।

जाने अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के महत्वपूर्ण तथ्य–
–अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, जिसे पहले मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में जाना जाता था, 2004 में प्रारंभ किया गया था।
–अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रत्येक दो वर्ष में दिया जाता है।
–अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार किसी भी राष्ट्रीयता के समकालीन लेखक को अंग्रेजी में प्रकाशित या अंग्रेजी अनुवाद में उपलब्ध रचना के लिए पुरस्कृत करने के लिए प्रारंभ किया गया था।
–इसकी पुरस्कार राशि £50,000 है।
–अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार लेखक तथा अनुवादक के मध्य समान रूप से विभाजित किया जाता है।
Tags : अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
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Web Title : Antarrashtriya Booker Puraskar 2022 Vijeta Kaun Bani Hai