भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद पर नियुक्ति का कार्यकाल होता है?

(A) 4 वर्ष
(B) 5 वर्ष
(C) 6 वर्ष
(D) 7 वर्ष

Question Asked : UPPSC 1993

Answer : 6 वर्ष

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के पद पर नियुक्ति का 6 वर्षों का होता है। भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General of India) की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। वह देश की समस्त वित्तीय प्रणाली (संघ व राज्य दोनों ही) का नियंत्रण करता है। उसका कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। किंतु 6 वर्ष के पहले ही यदि वह 65 वर्ष का हो जाता है तो भी पद रिक्त हो जाएगा। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक भारतीय संविधान के अध्याय 5 द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का अंकेक्षण करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी अंकेक्षण करता है। उसकी रिपोर्ट पर सार्वजनिक लेखा समितियाँ ध्यान देती है। भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक एक सवतंत्र संस्था के रूप में कार्य करते हैं और इस पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता।नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक ही भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का भी मुखिया होता है। इस समय पूरे भारत की इस सार्वजनिक संस्था में 85 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
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Web Title : Bharat Ke Niyantrak Evam Mahalekha Parikshak Ke Pad Par Niyukti Ka Karyakal Hota Hai