छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क कहाँ कहाँ पाया जाता है?

(A) बाबाबूदन, काला केमागुडी
(B) झरिया
(C) दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कांकेर
(D) सिंहभूम

Question Asked : UPPSC 1991

Answer : दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कांकेर

छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाला लौह अयस्क उत्तम श्रेणी का होता है इसमें लोहे की मात्रा 60 से 70% तक पाई जाती है। उत्तम लोहा अयस्क में फास्फोरस की मात्रा कम होती है। छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले लौह अयस्क में फास्फोरस की मात्रा केवल 0.45 प्रतिशत है। लौह अयस्क का विशाल भंडार दुर्ग, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, कांकेर जिले में उपलब्ध है जबकि मामूली तौर पर यह रायपुर राजनांदगांव और रायगढ़ में भी पाए जाते हैं। बालोद में दल्ली राजहरा की पहाड़ियां एवं दंतेवाड़ा में बैलाडिला की खाने विश्वविख्यात है बैलाडीला स्थित लोहे की खान एशिया महाद्वीप की सबसे महत्वपूर्ण एवं सबसे बड़ी खान मानी जाती है। इस​के अलावा कर्नाटक में देश का 1/6 भाग लौह अयस्क प्राप्त होता है। कर्नाटक के बाबाबूदन, काला केमागुडी, क्रुदेमुख क्षेत्रों में, चित्रदुर्ग, शिमोगा में लोहा प्राप्त होता है। झरिया झारखंड राज्य में स्थित कोयला की खान है। यहां बिटुमिनस प्रकार का कोयला पाया जाता है। सिंहभूम जिला झारखंड का प्रमुख लौह अयस्क उत्पादन जिला है।
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Web Title : Chattishgadh Me Lauh Ayaska Kahan Kahan Paya Jata Hai