जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर कौन थे?

(A) ऋषभदेव
(B) अजितनाथ
(C) सम्भवनाथ
(D) सुमतिनाथ

Question Asked : Bihar Police Sub-Inspector Pre. Exam 2019

Answer : सम्भवनाथ

Explanation : जैन धर्म के तीसरे तीर्थंकर सम्भवनाथ जी थे। इनका प्रतीक चिन्ह घोड़ा है। तृतीय तीर्थंकर संभवनाथजी की माता का नाम सुसेना और पिता का नाम जितारी है। संभवनाथजी का जन्म मार्गशीर्ष की चतुर्दशी को श्रावस्ती में हुआ था। मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन आपने दीक्षा ग्रहण की तथा कठोर तपस्या के बाद कार्तिक कृष्ण की पंचमी को आपको कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी को सम्मेद शिखर पर आपको निर्वाण प्राप्त हुआ। जैन धर्मावलंबियों के अनुसार उनका प्रतीक चिह्न- अश्व, चैत्यवृक्ष- शाल, यक्ष- त्रिमुख, यक्षिणी- प्रज्ञप्ति है। जैन धर्म के संस्थापक एवं प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे। इनका प्रतीक चिन्ह साण्ड है। अजितनाथ जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर थे तथा इसका प्रतीक चिन्ह हाथी है। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें व अन्तिम तीर्थंकर हुए तथा इनका प्रतीका चिन्ह सिंह है।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Jain Dharm Ke Teesre Tirthankar Kaun The