उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी कब बनी? Summer Capital of Uttarakhand

(A) 8 जून 2014
(B) 4 नवंबर 2012
(C) 8 जून 2020
(D) 14 जनवरी 2013

Answer : 8 जून 2020

Explanation : उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण 8 जून 2020 को बनी थी। उत्तराखंड में लंबे संघर्ष के बाद चमोली जिले के अंतर्गत भराड़ीसैंण (गैरसैंण) को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी का दर्जा राज्यपाल ने 8 जून को जारी किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने वर्ष 2020-21 के बजट सत्र के दौरान ही गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा कर दी थी। गैरसैंण में विधानसभा की पहली बैठक 9 से 11 जून 2014 को हुई थी। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद राजधानी देहरादून के बाहर यह विधानसभा सत्र का पहली बार आयोजन था।

बता दे कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व महामंत्री एवं भूपू मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी ने उत्तरांचल प्रदेश' नामक पुस्तक में राजधानी के लिए गैरसैंण को उपयुक्त बताया गया था। इसके बाद 11 जनवरी 2001 को अंतरिम भाजपा सरकार ने स्थाई राजधानी चयन आयोग का गठन किया। इसके बाद 28 नवंबर 2002 को कांग्रेस सरकार ने इसे पुनर्जीवित किया। 1 फरवरी 2003 से आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वीरेंद्र दीक्षित थे, जिन्होंने 17 अगस्त 2008 को मुख्यमंत्री की अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में कई समस्याओं को गिनाका गैरसैंण को खारिज कर दिया गया था और देहरादून को स्मार्ट राजधानी बनाने की सिफारिश की गई थी। लेकिन राजधानी विवाद पर विराम लगाते हुए 3 नवंबर, 2012 को मुख्यमंत्री बहुगुणा ने गैरसैंण में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की और विधानसभा भवन बनाने का निर्णय लिया।
Tags : उत्तराखंड की राजधानी
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Web Title : Uttarakhand Ki Grishmakalin Rajdhani Kab Bani