‘अभी तो मुकुट बंधा था माथ’ में कौन सा रस है?

(A) शांत रस
(B) संयोग रस
(C) करुण रस
(D) वियोग रस

Answer : करुण रस

Explanation : अभी तो मुकुट बंधा था माथ, हुए कल ही हल्दी के हाथ, खुले भी न थे लाज के बोल, खिले थे चुम्बन—शून्य कपोल, हाय रुक गया यही संसार बना सिन्दूर अनल अंगार वातहत लतिका वह सुकुमार पड़ी है छिन्नाधार। इस पंक्तियों में करुण रस है। करुण रस की परिभाषा अनुसार – किसी प्रिय वस्तु अथवा व्यक्ति आदि के अनिष्ट की आशंका या इनके विनाश से हृदय में उत्पन्न क्षोभ या दु:ख को 'करुण रस' कहते हैं। इसका स्थायी भाव 'शोक' है। विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के संयोग से पूर्णता प्राप्त होने पर 'शोक' नामक स्थायी भाव से 'करुण रस' की निष्पत्ति होती है। सामान्य हिंदी के अन्तर्गत रस संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। जो आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड., आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी होते है।
Tags : करुण रस रस के अंग रस के प्रकार रस हिन्दी व्याकरण
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Abhi To Mukut Bandha Tha Math Mein Kaun Sa Ras Hai