आकाश नीला किसके कारण दिखाई देता है?

(A) सूर्य प्रकाश में नीला प्रकाश अधिक है
(B) वातावरण में वायु के कणों द्वारा सूर्य प्रकाश का प्रकीर्णन
(C) वातावरण में प्रदूषण द्वारा सूर्य प्रकाश का प्रकीर्णन
(D) अन्य रंगों का खगोलीय पिण्डों द्वारा अवशोषण

Question Asked : UKPSC ARO Exam 2019

Answer : वातावरण में वायु के कणों द्वारा सूर्य प्रकाश का प्रकीर्णन

Explanation : आकाश नीला दिखाई देने के कारण है कि सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते हैं। चूंकि बैंगनी तत्पश्चात् जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्ध्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिकहता है। इसलिए आकाश हमें नीला दिखाई देता है। सरल शब्दों में कहे तो आकाश का सीधा संबंध प्रकाश के प्रकीर्णन से है, सब जानते है कि प्रकाश में सात प्रकार के रंग होते हैं जिसमें–बैंगनी, नील, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। यह सभी रंग प्रकाश के प्रकीर्णन के रंग है। अब जहां से प्रकाश होकर गुजरता है, वहां पर धूल आदि के कण वायुमंडल में उपस्थित होते हैं और वायुमंडल से गुजरने वाला प्रकाश फैल जाता है। इसी फैले हुए प्रकाश को प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं। जब आकाश से प्रकाश नीचे आता है तो मिट्टी धूल आदि के कणों में मिलकर प्रकाश फैल जाता है और चुंकि, नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे तेज होता है तो यहीं आकाश को नीला कर देता है। नीले रंग की प्रवृत्ति सबसे ज्यादा होने के कारण प्रकाश का यह प्रकीर्णन आकाश को नीले रंग में परिवर्तित करता है।
Tags : सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Akash Nila Kiske Karan Dikhai Deta Hai