अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) हर हालत में एक जैसी विरक्ति
(B) जिसको आवश्यकता हो उसे न मिले
(C) बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है
(D) मूर्ख और गुणवान का समान आदर

Answer : मूर्ख और गुणवान का समान आदर

Explanation : अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा का अर्थ andher nagari chaupat raja take ser bhaji take ser khaja है 'मूर्ख और गुणवान का समान आदर।' हिंदी लोकोक्ति अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा का वाक्य में प्रयोग होगा – अयोगय अधिकारी होने पर सभी कामों में धांधली चलती है, ठीक ही कहा गया है अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी, टके सेर साझा।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Andher Nagari Chaupat Raja Take Ser Bhaji Take Ser Khaja