अर्चना-पूजा का अर्थ | शब्द युग्म में अंतर

(A) भगवान से कुछ मांगना – देवी-देवताओं को भोग लगाना
(B) मंत्रोचार से देवों की सेवा – देवी-देवताओं के प्रति भक्ति-भाव प्रकट
(C) बड़ों की सेवा – भगवान की सेवा
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : मंत्रोचार से देवों की सेवा – देवी-देवताओं के प्रति भक्ति-भाव प्रकट

Explanation : अर्चना और पूजा का अर्थ में अंतर व वाक्य प्रयोग इस प्रकार है–
अर्चना शब्द का अर्थ– देवों की सेवा, जो मंत्रोचार से की जाए। अर्चना का वाक्य प्रयोग– मां विन्ध्यवासिनी के मंदिर में चौबीसों घण्टे अर्चना का कार्यक्रम चलता रहता है।
पूजा शब्द का अर्थ– वह कार्य, जिसके द्वारा देवी-देवताओं के प्रति भक्ति-भाव प्रकट किया जाता है। पूजा का वाक्य प्रयोग– हरेन्द्र प्रपात प्रति दिन देवालय में भगवान शिव की पूजा करता है।
हिंदी भाषा में अनेक शब्द ऐसे हैं जिनका उच्चारण लगभग एक जैसा होता है। लेकिन उन शब्दों के अर्थ बिल्कुल अलग होते है। इन्हीं शब्दों को 'युग्म शब्द' Yugm shabd (Combination words) कहते हैं। शब्द युग्मों के अर्थ, अंतर और वाक्य प्रयोग पर सामान्य हिंदी के पेपर में कई सवाल पूछे जाते है।
Tags : युग्म शब्द हिंदी युग्म शब्द
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Web Title : Archana Pooja Ka Arth