चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) बहुत अधिक प्रत्यन्न करने पर भी, अत्यंत कम लाभ होना
(B) घोर कंजूस होना
(C) आसानी से प्राप्त वस्तु का मूल्य नहीं होता
(D) आपस की फूट नुकसान ही पैदा करती है

Answer : घोर कंजूस होना

Explanation : चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए का अर्थ 'घोर कंजूस होना' होता है। वाक्य प्रयोग — 1. तुम इतना लालच मत करो। अरे ठंड के दिन हैं। गरम कपड़ों का प्रबंध करो, अन्यथा बीमार पड़ोगे। तुम्हारा तो वही हाल है, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। 2. तुम्हें गंभीर बिमारी है, किसी चिकित्सक के पास जाकर इलाज क्यों नहीं करवाते। तुम पर तो यही कहावत चरितार्थ होती है– चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए। लोक अथवा समाज में प्रचलित उक्ति को लोकोक्ति कहते हैं। इन्हें कहावतें भी कहा जाता है। लोकोक्ति का अर्थ सीधा और सरल होता है। ये लोक-जीवन के संचित अनुभव को प्रकट करती हैं। मुहावरे व लोकोक्ति में अंतर : मुहावरा अधिकांशत: वाक्य में प्रयुक्त क्रिया पद होता है।
Tags : लोकोक्तियां सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Chamdi Jaye Par Damdi Na Jaye Ka Arth