दल बदल विरोधी कानून किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुआ?

(A) वी.पी. सिंह
(B) अटल बिहारी वाजपेयी
(C) राजीव गांधी
(D) इंदिरा गांधी

Answer : राजीव गांधी (Rajiv Gandhi)

Explanation : दल बदल विरोधी कानून राजीव गांधी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुआ। राजीव गांधी ने भारत के 6वें प्रधान मंत्री के रूप में 1984 से 1989 तक कार्य किया। इसी कार्यकाल के बीच दल-बदल क़ानून 1 मार्च, 1985 में अस्तित्व में आया, ताकि अपनी सुविधा के हिसाब से पार्टी बदल लेने वाले विधायकों और सांसदों पर लगाम लगाई जा सके। दरअसल 1967 में हरियाणा के एक विधायक गया लाल ने एक दिन में तीन बार पार्टी बदली, जिसके बाद आया राम गया राम प्रचलित हो गया। 1985 से पहले दल-बदल के ख़िलाफ़ कोई क़ानून नहीं था। लेकिन 1985 में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इसके ख़िलाफ़ विधेयक लेकर आई और संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़ी गई। ये संविधान में 52वें संशोधन था।

इसके तहत किसी जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि, एक निर्वाचित सदस्य स्वेच्छा से किसी राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है। कोई निर्दलीय निर्वाचित सदस्य किसी राजनीतिक दल में शामिल हो जाता है। किसी सदस्य द्वारा सदन में पार्टी के पक्ष के विपरीत वोट किया जाता है। कोई सदस्य स्वयं को वोटिंग से अलग रखता है। परंतु एक राजनीतिक दल को किसी अन्य राजनीतिक दल में या उसके साथ विलय करने की अनुमति दी गई है बशर्ते कि उसके कम-से-कम दो-तिहाई विधायक विलय के पक्ष में हों। इसके अलावा सदन का अध्यक्ष बनने वाले सदस्य को इस कानून से छूट प्राप्त है।
Tags : दल-बदल विरोधी कानून राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Dal Badal Virodhi Kanoon Kis Pradhanmantri Ke Karyakal Mein Hua