द्वैध शासन प्रणाली क्या है?

(A) केंद्रीय विधानमंडल का दो सदनों में विभाजन
(B) दो सरकारों अर्थात केंद्रीय और राज्य सरकारों का शुरु किया जाना
(C) दो शासक समुच्चय: एक लंदन में और दूसरा दिल्ली में होना
(D) प्रांतों के प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन

Answer : प्रांतों के प्रत्यायोजित विषयों का दो प्रवर्गों में विभाजन

भारत शासन अधिनियम, 1919 के द्वारा भारतीय इतिहास में द्वैध शासन की स्थापना की गई। इसके द्वारा केंद्रीय और प्रांतीय विषयों की सूची की पहचान करके उन्हें अलग कर राज्यों पर केंद्रीय नियंत्रण कम किया या। इसने प्रांतीय विषयों को पुन: दो भागों में विभक्त किया — हस्तांतरित और आरक्षित। हस्तान्तरित विषयों पर गवर्नर का शासन होता था। इस कार्य में वह विधानपरिषद् के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों की सहायता लेता था। आरक्षित विषयों पर गवर्नर कार्यपालिका परिषद् की सहायता से शासन करता था, जो विधानपरिषद् के प्रति उत्तरदायी नहीं था।
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Web Title : Dwed Shasan Pranali Kya Hai