घर की खांड किरकिरी लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) बुरे व्यक्ति की बुरी आदत, पूर्ण रूप से नहीं जाती बल्कि किसी न किसी रूप में रहती है
(B) अपनी चीज बुरी लगना, दूसरे की अच्छी
(C) अच्छी चीज थोड़ी भी बहुमूल्य है, पर मामूली चीज अधिक होकर भी कीमत नहीं रखती
(D) अयोग्य अथवा अपात्र को अच्छी वस्तु की प्राप्ति

Answer : अपनी चीज बुरी लगना, दूसरे की अच्छी

Explanation : घर की खांड किरकिरी लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा का अर्थ ghar ki khand kirkiri lage padosi ka gud mitha है 'अपनी चीज बुरी लगना, दूसरे की अच्छी।' हिंदी लोकोक्ति घर की खांड किरकिरी लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा का वाक्य में प्रयोग होगा – शिवशंकर शर्माजी हमेशा अपनी पत्नी से पड़ोसिन की बड़ाई करते नहीं थकते थे। शर्मा जी की पत्नी एक दिन कुढ़कर बोली सभी मर्दों का एक सा हाल है, घर की खांड़ किरकिरी लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा'। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'घर की खांड किरकिरी लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Ghar Ki Khand Kirkiri Lage Padosi Ka Gud Mitha