हजारों ​हथौड़े सहकर मूर्ति बनती है का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) आदतें पक्की होती हैं, बदलती नहीं
(B) कष्टों को झेलने के बाद आदमी, आदमी बनता है
(C) अपराधी आखिर एक दिन फंस ही जायेगा
(D) साझे का काम फजीहत का काम

Answer : कष्टों को झेलने के बाद आदमी, आदमी बनता है

Explanation : हजारों ​हथौड़े सहकर मूर्ति बनती है का अर्थ hajaro ​hathude sahakar murti banti hai  है 'कष्टों को झेलने के बाद आदमी, आदमी बनता है।' हिंदी लोकोक्ति हजारों ​हथौड़े सहकर मूर्ति बनती है का वाक्य में प्रयोग होगा – जीवन में कष्टों को सहकर निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कहावत है– हजारों हथौड़े सहकर मूर्ति बनती है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'हजारों ​हथौड़े सहकर मूर्ति बनती है' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Hajaro ​hathude Sahakar Murti Banti Hai