इंकलाब जिंदाबाद का नारा किसका था?

(A) सुभाष चंद्र बोस
(B) मुहम्मद इकबाल
(C) राम प्रसाद बिस्मिल
(D) भगत सिंह

Question Asked : UPPSC 1991

Answer : मुहम्मद इकबाल

इंकलाब जिंदाबाद का नारा मोहम्मद इकबाल का था। इंकलाब ज़िन्दाबाद का अर्थ है 'क्रांति की जय हो'। इस नारे को भगत सिंह और उनके क्रांतिकारी साथियों ने दिल्ली की असेंबली में 8 अप्रेल 1929 को एक आवाज़ी बम फोड़ते वक़्त बुलंद किया था। यह नारा मशहूर शायर हसरत मोहानी ने एक जलसे में, आज़ादी-ए-कामिल (पूर्ण आज़ादी) की बात करते हुए दिया था। और इस नारे ने हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की गतिविधियों को और विशेष रूप से अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद को प्रेरित किया। स्वतंत्रता आंदोलन के तारीख़वार भारतीय राजनीतिक उपन्यासों में, स्वतंत्रता समर्थक भावना अक्सर इस नारे को लगाने वाले पात्रों की विशेषता है। इसके अलावा राम प्रसाद बिस्मिल ने एक जोशीला गीत 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है' गाया था। सुभाष चंद्र बोस ने 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा'। यह नारा सिंगापुर में दिया था।
Tags : आधुनिक इतिहास आधुनिक भारत इतिहास प्रश्नोत्तरी स्वतंत्रता आंदोलन
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Web Title : Inquilab Zindabad Ka Nara Kiska Tha