क्या काबुल में गधे नहीं होते का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) झूठी प्रशंसा चाहना
(B) गंदी लिखावट
(C) मूर्ख सब जगह मिलते हैं, काबुल घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वहां भी आखिर गधे तो होते ही हैं।
(D) बराबर के लोग आपस में निपट सकते हैं।

Answer : मूर्ख सब जगह मिलते हैं, काबुल घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वहां भी आखिर गधे तो होते ही हैं।

Explanation : क्या काबुल में गधे नहीं होते का अर्थ kya kabul me gadhe nahi hote है 'मूर्ख सब जगह मिलते हैं, काबुल घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वहां भी आखिर गधे तो होते ही हैं।' हिंदी लोकोक्ति क्या काबुल में गधे नहीं होते का वाक्य में प्रयोग होगा – बंगाल में एक से एक देशभक्त उत्पन्न हुये हैं लेकिन मीर जाफर जैसे कुछ लोग भी मिल जाते हैं तो कहना पड़ता है कि क्या काबुल में गधे नहीं होते? हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'क्या काबुल में गधे नहीं होते' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Kya Kabul Me Gadhe Nahi Hote