‘मेघदूतम्’ किस छंद में रचित है?

(A) स्रग्धरा
(B) शार्दूलविक्रीडित
(C) मन्दाक्रान्ता
(D) शिखरिणी

Question Asked : [GIC Exam 2009]

Answer : मन्दाक्रान्ता

महाकवि कालिदास ने संपूर्ण 'मेघदूतम्' को मन्दाक्रान्ता छन्द में उपनिषद्ध किया है। इस छन्द का लक्षण इस प्रकार है : 'मन्दाक्रान्ता जलधिषडगैम्भौं नतौ ताद्गुरु चेत्' अर्थात् इस छन्द में प्रत्येक पाद में 17 अक्षर होते हैं। वे मगण, भगण, नगण, तगण, तगण और दो गुरु इस क्रम में होते हैं तथा चौथे, दसवें, सत्रहवें अक्षर पर यति होती है। मेघदूत में मन्दाक्रान्ता छंद क्यों — मेघदूत में विप्रलम्भ रस की गंभीरता और भावविह्वलता का बोध कराने के लिए मन्थरगति से पढ़ा जाने वाला मन्दाक्रान्ता छन्द अपनाया है। खेद, दु:ख विपत्ति, प्रवास, वर्षा आदि के वर्णन में मन्दाक्रान्ता छन्द रुचिकर माना गया है।
Tags : संस्कृत संस्कृत प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Meghadootam Kis Chhand Mein Rachit Hai