मुगल प्रशासन में ‘मदद-ए-माश’ इंगित करता है?

(A) चुंगी कर (Toll tax)
(B) विद्वानों को दी जाने वाली राजस्व मुक्त अनुदत्त भूमि
(C) सैन्य अधिकारियों को दी जाने वाली पेंशन
(D) बुवाई कर (Cultivation tax)

Question Asked : [BPSC (Pre) 2003]

Answer : विद्वानों को दी जाने वाली राजस्व मुक्त अनुदत्त भूमि

मुगलकाल में राजस्व के स्त्रोत मुख्यत: भूराजस्व, चुंगी, उपहार, नमक पर कर, पाल टैक्स या व्यक्ति कर था। इन सबमें 'भूराजस्व' सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। मुगलकाल में 'मदद-ए-मार्श' भूमि अनुदान के रूप में धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को दी जाती थी। इस तरह की अधिकांश भूमि अनुत्पादक होती थी। इस भूमि को 'मिल्क' भी कहा जाता था। मुगल शासकों में सर्वप्रथम अकबर ने ही भूमि तथा भूमिकर व्यवस्था को संगठित करने का प्रयास किया था। अकबर ने 1580 में 'दहसाला' नामक भूराजस्व की नवीन प्रणाली प्रारंभ किया।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
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Web Title : Mughal Prashasan Mein Madad I Maash Ingit Karta Hai