ओछे की प्रीति बालू की भीत मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) निर्बल होना
(B) दुष्टि व्यक्ति की मित्रता स्थायी नहीं होती
(C) दया आ जाना
(D) अच्छी तरह जांच करना

Answer : दुष्टि व्यक्ति की मित्रता स्थायी नहीं होती

Explanation : ओछे की प्रीति बालू की भीत मुहावरे का अर्थ दुष्टि व्यक्ति की मित्रता स्थायी नहीं होती होना होता है। ओछे की प्रीति बालू की भीत मुहावरे का वाक्य प्रयोग – रमेश और दिनकर दोनों दुष्ट थे और दोनों मित्र थे, परन्तु कुछ दिनों बाद ही दोनों की मित्रता समाप्त हो गयी, सच है औछे की प्रीति बालू की भीति के समान होती है। मुहावरा कोई भी ऐसा वाक्यांश, जिसका शब्दार्थ ग्रहण न करके कोई विलक्षण अर्थ ग्रहण किया जाता हो, वह मुहावरा कहलाता है। सरल शब्दों में मुहावरे लोक सानस की चिरसंचित अनुभूतियां हैं। उनके प्रयोग से भाषा की सजीवता की वृद्धि होती है। मुहावरे भाषा के प्राण हैं।
Tags : मुहावरे सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Oche Ki Preet Balu Ki Bheet Muhavare Ka Arth