पाहुन ज्यों आए हो गांव में शहर के में कौन सा अलंकार है?

(A) यमक अलंकार
(B) उत्प्रेक्षा अलंकार
(C) श्लेष अलंकार
(D) मानवीकरण अलंकार

Answer : उत्प्रेक्षा अलंकार

Explanation : पाहुन ज्यों आए हो गांव में शहर के, मेघ आए बड़े बन ठन के सँवर के में उत्प्रेक्षा अलंकार है। जिस प्रकार मेहमान शहर का गांव में सज संवर कर आता है उसी प्रकार बादल संवर कर आए हैं। उत्प्रेक्षा का शाब्दिक अर्थ है ‘देखने की उत्कट इच्छा’। जिस वाक्य में उपमेय और उपमान भिन्न होने पर भी समानता का भाव उत्पन्न करता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार माना जाता है। जहां रूप गुण आदि समान प्रतीत होने के कारण उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाए और उसे व्यक्त करने के लिए मनु, मानो, जानो, जनु, ज्यों आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाए, वहां उत्प्रेक्षा अलंकार माना जाता है।
Tags : अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार
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Web Title : Pahun Jyon Aaye Ho Gaanv Mein Shahar Ke Me Alankar