सहसा विदधीत न क्रियाम् का अर्थ

(A) किसी के न्यास अर्थात् धरोहर की रक्षा करना दु:खपूर्ण (दुष्कर) है।
(B) कष्ट सहन करने वाले तपस्वियों में से किससे प्रार्थना करें।
(C) शत्रुओं के प्रति क्रोध से व्याकुल भीम को शान्त करने के लिए युधिष्ठिर ने कहा– कार्य को एकाएक बिना विचार विमर्श किये नहीं प्रारम्भ करना चाहिए।
(D) इनमें से कोई नहीं

Answer : शत्रुओं के प्रति क्रोध से व्याकुल भीम को शान्त करने के लिए युधिष्ठिर ने कहा– कार्य को एकाएक बिना विचार विमर्श किये नहीं प्रारम्भ करना चाहिए।

Explanation : संस्कृत सूक्ति 'सहसा विदधीत न क्रियाम्' का हिंदी में अर्थ– शत्रुओं के प्रति क्रोध से व्याकुल भीम को शान्त करने के लिए युधिष्ठिर ने कहा– कार्य को एकाएक बिना विचार विमर्श किये नहीं प्रारम्भ करना चाहिए। संस्कृत की यह सूक्ति किरातार्जुनीयम् से ली गई है। State TET, CTET, TGT, PGT आदि परीक्षाओं के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण संस्कृत सूक्तियां हिंदी में अर्थ सहित पढ़े–
परित्यक्त: कुलकन्यकानां क्रम:। (कादंबरी/चंद्रापीडकथा)
हिंदी में अर्थ– कादम्बरी चंद्रापीड को अपना हृदय समर्पित करके कहती है– कुल कन्याओं की परम्परा रही है कि गुरुजनों की सहमति से ही वे योग्य वर का चुनाव करती हैं। मैंने यह परम्परा तोड़ दी है। यह लज्जा का विषय है।

पीड्यनते गृहिण: कथं नु तनयाविश्लेषदु: खैर्नवै:। (अभिज्ञान शाकुन्तलम् 4/6)
हिंदी में अर्थ– काश्यप (कण्व) शकुन्तला की की विदाई वेला में दु:खी होकर कहते हैं कि जब हम जैसे वनवासी तपस्वी भी अपनी पुत्री के वियोग में इस प्रकार दु:खी होते हैं तो गृहस्थ लोगों की बात ही क्या (वे तो और अधिक दु:खी होते होंगे।)
Tags : संस्कृत संस्कृत सूक्ति
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Sahasa Vidadhita Na Kriyam