तीरथ गये मुंड़ाये सिर का अर्थ और वाक्य प्रयोग
(A) जहां हो, वहां की रीति-रिवाज का पालन करो
(B) अपने वस्तु को सभी सराहते हैं
(C) कितना भी प्रयत्न किया जाय स्वभाव नहीं बदलता
(D) सामर्थ्य न होने पर भी कोई काम करना
Answer : जहां हो, वहां की रीति-रिवाज का पालन करो
Explanation : तीरथ गये मुंड़ाये सिर का अर्थ tirath gaye mundaye sir है 'जहां हो, वहां की रीति-रिवाज का पालन करो।' हिंदी लोकोक्ति तीरथ गये मुंड़ाये सिर का वाक्य में प्रयोग होगा – आपने बंगाल में जाकर मछली खाना शुरू कर के, तीरथ गये मुंड़ाये सिर वाली कहावत सिद्ध कर दी। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'तीरथ गये मुंड़ाये सिर' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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