वाच्य के कितने भेद होते हैं?

(A) चार भेद
(B) दो भेद
(C) तीन भेद
(D) सात भेद

Answer : तीन भेद

Explanation : वाच्य के तीन भेद होते हैं–कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य और भाववाच्य। कर्ता, कर्म अथवा भाव के विषय में क्रिया के विधान का बोधक रूप वाच्य कहलाता है। इसमें कर्तृवाच्य-वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्ता है। इस तथ्य को बताने वाला क्रिया का रूपांतर कर्तृवाच्य कहलाता है, यथा–पूनम ने रोटी बनाई। कर्मवाच्य-वाक्य का उद्देश्य क्रिया का कर्म है। इस तथ्य को क्रिया का रूपांतर कर्मवाच्य कहलाता है, यथा–पूनम से रोटी बनाई गई। भाववाच्य यह क्रिया का वह रूपांतर है, जो बोध कराता है कि वाक्य के उद्देश्य क्रिया का कर्ता अथवा कर्म कोई नहीं है, यथा–मुझसे पढ़ा नहीं जाता।
Tags : सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Vachya Ke Kitne Bhed Hote Hain