वीर रस का स्थायी भाव है?

(A) स्फूर्ति
(B) युद्ध
(C) उत्साह
(D) विरक्ति

Answer : उत्साह

Explanation : वीर रस' का स्थायी भाव 'उत्साह' है। उत्साह नामक स्थायी भाव जब विभावादि के संयोग से परिपक्व होकर रस रूप में परिणत होता हैं तब वही वीर रस कहलाता है। वीर रस के चार भेद होते हैं-(1) युद्धवीर (2) दानवीर (3) धर्मवीर (4) दयावीर।
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Veer Ras Ka Sthayi Bhav Hai