आर्थिक दोहन का सिद्धांत किसने प्रतिपादित किया?

(A) एम.एन. राय
(B) जय प्रकाश नारायण
(C) राममनोहर लोहिया
(D) दादाभाई नौरोजी

Answer : दादाभाई नौरोजी

Explanation : अंग्रेजों के शासनकाल में भारत के 'आर्थिक दोहन' के सिद्धांत को दादाभाई नौरोजी ने प्रतिपादित किया। यह सिद्धांत उन्होंने अपनी पुस्तक Poverty and Un-British Rule in India में रखा था। दरअसल भारत का अथाह धन भारत से इंग्लैंड जा रहा था। धन का यह अपार निष्कासन (Drain of Wealth) भारत को अन्दर-ही-अन्दर कमजोर बनाते जा रहा था। दादाभाई नौरोजी ने इसे “अंग्रेजों द्वारा भारत का रक्त चूसने” की संज्ञा दी। कई राष्ट्रवादी इतिहासकारों और व्यक्तियों ने भी अंग्रेजों की इस नीति की कठोर आलोचना की है। इतिहासकारों का एक वर्ग (साम्राज्यवादी विचारधारा से प्रभावित) इस बात से इनकार करता है कि अंग्रेजों ने भारत का आर्थिक दोहन किया। वे यहाँ तक सोचते हैं कि इंग्लैंड को जो भी धन प्राप्त हुआ वह भारत की सेवा करने के बदले प्राप्त हुआ। उनका विचार था कि भारत में उत्तम प्रशासनिक व्यवस्था, कानून और न्याय की स्थापना के बदले ही इंग्लैंड भारत से धन प्राप्त करता था।
Tags : आधुनिक इतिहास इतिहास प्रश्नोत्तरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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Web Title : Aarthik Dohan Ka Siddhant Kisne Pratipadit Kiya