अद्वैतवाद के प्रवर्तक कौन है?
(A) रामानुजाचार्य
(B) वल्लभाचार्य
(C) निम्बार्काचार्य
(D) माध्वाचार्य
Explanation : अद्वैतवाद के प्रवर्तक माध्वाचार्य है। ‘श्री’ सम्पप्रदाय के प्रवर्तक रामानुजाचार्य ने 11वीं शताब्दी में वेदों की परम्परा को भक्ति से जोड़ने का प्रयत्न किया। इसी दर्शन को विशिष्ट द्वैतवाद कहा गया। इन्होंने भक्ति पर आधरित लोकप्रिय आंदोलनों और वेदों पर आधारित उच्चवर्गीय आंदोलनों के बीच महत्वपूर्ण कड़ी का काम किया। रामानुजाचार्य, शेषनाग के अवतार, समझे जाते हैं। वे आलवार भक्तों की शिष्य परम्परा में से थे। वे मर्यादा के सबसे बड़े समर्थक थे। प्रमुख भक्ति संतों में रामानन्द प्रमुख थे।
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Tags : आधुनिक इतिहास, इतिहास प्रश्नोत्तरी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
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