भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को फांसी कब हुई थी?

(A) 8 अप्रैल 1929
(B) 23 मार्च 1931
(C) 24 मार्च 1931
(D) 17 दिसंबर 1928

Answer : 23 मार्च 1931

Explanation : भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को फांसी 23 मार्च 1931 को शाम साढ़े सात बजे हुई थी। 7 अक्टूबर 1930 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसके लिए 24 मार्च 1931 का दिन तय किया गया था पर लेकिन अंग्रेज डरते थे, इसलिए उन्होंने ए​क दिन पहले ही तीनों को लाहौर की जेल में फांसी दे दी गई। बता दे कि साइमन कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर पहुंचा था। तब लाला लाजपत राय की अगुवाई में भारतीयों ने विरोध प्रदर्शन किया। क्रूर सुप्रीटेंडेंट जेम्स ए स्कॉट ने लाठीचार्ज का आदेश दे दिया। लोगों पर खूब लाठियां चलाई गईं। लाला लाजपत राय बुरी तरह घायल हो गए और उसके 18 दिन बाद ही उनका निधन हो गया। लाला लाजपत राय की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आजाद, भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव ने उनकी मौत का बदला लेने का फैसला किया।

भगत सिंह और उनके साथियों ने बदला लेने के लिए पुलिस सुपरिटेंडेंट स्कॉट को मारने की योजना बनाई। बदला लेने के लिए 17 दिसंबर 1928 का दिन तय हुआ। हालांकि स्कॉट की जगह असिस्टेंट सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस जॉन पी सांडर्स क्रांतिकारियों का निशाना बन गया। वर्ष 1929 में अंग्रेज दमनकारी कानून लागू करने की तैयारी कर रहे थे। भगत सिंह और उनके साथियों ने इसके विरोध सेंट्रल असेंबली में बम धमाके का निश्चय किया। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इसे अंजाम दिया। इस धमाके का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था। इसलिए बम खाली जगह पर फेंका गया। बम फेंकने के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त भागे नहीं बल्कि वहीं पर्चे बांटे।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Bhagat Singh Rajguru Sukhdev Ko Fansi Kab Hui Thi