दांडी यात्रा का क्या महत्व था?

(A) नमक कानून के समर्थन हेतु
(B) नमक कानून तोड़ने हेतु
(C) रौलेट एक्ट के समर्थन हेतु
(D) रौलेट एक्ट के विरोध में

Question Asked : UPPSC 1992

Answer : नमक कानून तोड़ने हेतु

दांडी यात्रा का महत्व नमक कानून को तोड़ना था। 6 अप्रैल, 1930 को प्रात: प्रार्थना के बाद समुद्र तट पर नमक कानून भंग किया। महात्मा गांधी द्वारा नमक के कानून को तोड़ना सारे देश के लिए सविनय अवज्ञा के प्रारंभ का संकेत था। दांडी यात्रा जिसे नमक मार्च, दांडी सत्याग्रह के रूप में भी जाना जाता है जो वर्ष 1930 में महात्मा गांधी के द्वारा अंग्रेज सरकार के नमक के ऊपर कर लगाने के कानून के विरुद्ध किया गया सविनय कानून भंग कार्यक्रम था। ये ऐतिहासिक सत्याग्रह कार्यक्रम गाँधीजी समेत 78 लोगों के द्वारा अहमदाबाद साबरमती आश्रम से समुद्रतटीय गाँव दांडी तक पैदल यात्रा करके 12 मार्च 1930 को नमक हाथ में लेकर नमक विरोधी कानून का भंग किया गया था। इस आंदोलन में लोगों ने गाँधी के साथ पैदल यात्रा की और जो नमक पर कर लगाया था। उसका विरोध किया। इस आंदोलन में कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया जैसे-राजगोपालचारी, नहेरू आदि। ये आंदोलन पूरे एक साल चला और 1931 को गांधी-इर्विन समझौते से खत्म हो गया।
Tags : आधुनिक इतिहास आधुनिक भारत इतिहास प्रश्नोत्तरी स्वतंत्रता आंदोलन
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Dandi Yatra Ka Kya Mahatva Tha