द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध का मुख्य कारण क्या था?

(A) वेलेजली की मराठा शक्ति को नष्ट कर देने की इच्छा
(B) मराठों के आपसी संघर्षों में अंग्रेज़ों का हस्तक्षेप
(C) पेशवा बाजीराव के साथ अंग्रेजों का षड्यंत्र
(D) मराठों तथा हैदराबाद के निज़ाम के मध्य होने वाले संघर्ष में

Answer : मराठों के आपसी संघर्षों में अंग्रेज़ों का हस्तक्षेप

Explanation : द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध का मुख्य कारण मराठों के आपसी संघर्षों में अंग्रेज़ों का हस्तक्षेप था। कंपनी को मराठों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का मौका तब मिला जब मराठा संघ के मुखिया 'पेशवा' पद के लिए मराठों में मतभेद हो गया। प्रथम मराठा युद्ध के बाद बीस वर्षों तक अंग्रेजों और मराठों में शांति रही। मराठों के मुखिया पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा 1802 में सहायक संधि स्वीकार करने से द्वितीय आंग्ल मराठा युद्ध हुआ। अन्य मराठा शासकों सिंधिया, होल्कर और भोंसले ने इस सहायक संधि का विरोध किया। द्वितीय मराठा युद्ध से कंपनी के मद्रास और बंगाल के राज्य परस्पर जुड़ गए। मुगल सम्राट पुनः अंग्रेजों की शरण में आ गया। मराठों के आपसी संघर्षों का लाभ उठाते हुए एक-एक करके मराठा सरदारों को अंग्रेजों ने पराजित किया।
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Web Title : Dwitiya Aangl Maratha Yuddh Ka Mukhy Karan Kya Tha