ईद-उल-जुहा किसकी याद में मनाया जाता है?

(A) हज़रत ईस्माइल
(B) हजरत मूसा
(C) हजरत इब्राहिम
(D) दुंबा

Answer : हजरत इब्राहिम

Explanation : ईद-उल-जुहा हजरत इब्राहिम की याद में मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अल्लाह ने हज़रत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उनसे उनकी सबसे प्यारी और अज़ीज़ चीज़ की कुर्बानी देने के लिए कहा था। हज़रत इब्राहिम के लिए सबसे अज़ीज़ और प्यारे उनके बेटे हज़रत ईस्माइल ही थे। लेकिन हज़रत इब्राहिम ने बेटे के लिए अपनी मुहब्बत के बजाए अल्लाह के हुक्म को मानने का फैसला किया और अपने बेटे को अल्लाह के लिए कुर्बान करने के लिए तैयार हो गए। कहा जाता है कि जब हज़रत इब्राहिम के बेटे हज़रत ईस्माइल को इस बारे में पता चला तो वे भी कुर्बान होने के लिए राज़ी हो गए। हज़रत इब्राहिम ने आंखें बंद करके जैसे ही अपने बेटे की गर्दन पर छुरी चलाई तो अल्लाह ने उनके बेटे की जगह दुंबा भेज दिया। इस तरह उनके बेटे बच गए और दुंबा कुर्बान हो गया। इसके बाद से ही अल्लाह की राह में कुर्बानी देने का सिलसिला शुरू हो गया औरईद अल-अज़हा या बकरीद मनाई जाने लगी। बकरीद का पर्व इस्लाम के पांचवें सिद्धान्त हज को भी मान्यता देता है। बकरीद के दिन मुस्लिम बकरा, भेड़, ऊंट जैसे किसी जानवर की कुर्बानी देते हैं। बकरीद के दिन कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के लिए, दूसरा सगे-संबंधियों के लिए और तीसरा गरीबों के लिए।

बता दे कि इस्लाम धर्म के दो सबसे बड़े त्योहार ईद-उल-फित्र और ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Adha 2020) होते हैं। ईद-उल-फित्र को मीठी ईद कहते हैं, यह ईद रमजान के महीने भर के रोज़े रखने के बाद मनाई जाती है, जबकि ईद-उल-अजहा बकरीद (Bakrid) को कहते हैं, जिस पर कुर्बानी की जाती है। ईद-उल-फित्र की तरह ही बकरीद का त्योहार भी तीन दिनों तक बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है और तीन दिन तक कुर्बानी का सिलसिला चलता है। इस पर्व पर इस्लाम धर्म के लोग साफ-पाक होकर नए कपड़े पहनकर नमाज पढ़ते हैं। नमाज पढ़ने के बाद कुर्बानी की प्रक्रिया शुरू होती है।
Tags : इस्लाम प्रश्न
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Web Title : Eid Ul Adha Kiski Yad Mein Manaya Jata Hai