गोवत्स द्वादशी 2021 कब है?

Answer : 2 नवंबर 2021

गोवत्स द्वादशी 2021 में 2 नवंबर को है। गोवत्स द्वादशी गाय की महिमा का बखान करने वाला पर्व है। मां और संतान के प्रेम का गुणगान है गोवत्स द्वादशी व्रत। देखा जाए तो कृष्ण ने गाय को सबसे अधिक प्रेम और मान्यता दिलाई है। वे तो खुद ही गोविन्द हो गए। गाय को महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में सर्वदेवमय कहा गया है। धन हो तो दूध देने वाली स्वस्थ गाय का दान करना चाहिए। कम से कम पांच, दस या सोलह बरस तक इस व्रत को करने के बाद ही उद्यापन करना चाहिए। इस व्रत को करने वाला अति उत्तम भोगों के साथ-साथ मृत्यु के बाद गोलोक धाम की प्राप्ति करता है।

वे लोग, जिनकी संतान पर शनि की साढे़साती (धनु, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों पर) ढैया (मिथुन, तुला राशि वाले जातकों पर) चल रही है, उन्हें यह व्रत स्वयं रखना चाहिए। सेहत ठीक न होने पर संतान से यह व्रत जरूर करवाना चाहिए। इस दिन गायों को हरा चारा अपने हाथ से जरूर खिलाना चाहिए। गाय-बछड़ा न होने पर गाय-बछड़े की बनी मूर्ति की ही पूजा करें। ध्यान दे कि खाद्य पदार्थों में गाय का दूध, दही, घी, छाछ, खीर, तेल के पके हुए भुजिया-पकौड़ी या अन्य कोई पदार्थ न लें।
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